ABHISHEK MANI

ABHISHEK MANI Lives in Azamgarh, Uttar Pradesh, India

Abhishek Mani Azamgarh

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सागर की लहरों की खामोशियों में चलो ज़ख्म दिल के जानी सीया जाए... वक्त बदला है हालात गड़बड़ है। चलो इसे फिर पहले जैसा मुकम्मल किया जाए... तकदीर के मारे है तस्वीर बदल सकते है। खुद को नही चलो ज़माने को बर्बाद किया जाएं।। ©ABHISHEK MANI

#शायरी #sagarkinare  सागर की लहरों की खामोशियों में
चलो ज़ख्म दिल के जानी सीया जाए...
वक्त बदला है हालात गड़बड़ है।
चलो इसे फिर पहले जैसा मुकम्मल किया जाए...
तकदीर के मारे है तस्वीर बदल सकते है।
खुद को नही चलो ज़माने को बर्बाद किया जाएं।।

©ABHISHEK MANI

#sagarkinare

12 Love

अजीब दस्तूर है मेरी मोहब्बत का साकी.... एक तरफा प्यार है उनकी मर्जी का कुछ अंदाजा नही है.. हम अक्सर फ़रियाद करते है उन्हे अपना बनाने को... उनके लिए ये प्यार कुछ ज्यादा नही है.... कभी रुकसत होना ए जिंदगी इश्क की राहों से.. दुनिया चेहरे पे मरती है ये याद रखना... यहा इश्क करने वालो का तकाज़ा नही है... ©ABHISHEK MANI

#शायरी #drowning  अजीब दस्तूर है मेरी मोहब्बत का साकी....
एक तरफा प्यार है उनकी मर्जी का कुछ अंदाजा नही है..
हम अक्सर फ़रियाद करते है उन्हे अपना बनाने को...
उनके लिए ये प्यार कुछ ज्यादा नही है....

कभी रुकसत होना ए जिंदगी इश्क की राहों से..
दुनिया चेहरे पे मरती है ये याद रखना...
यहा इश्क करने वालो का तकाज़ा नही है...

©ABHISHEK MANI

#drowning

11 Love

घना अंधेरा है रूह के गलियारों में.. गैरो से सितम जारी है दिल टूटा है गली चौबारों में, कोई रोशनी उम्मीद की दिखाई नहीं देती.... खुदगर्जियां भर गई है बचपन के यारो में.. अपनी दुनिया ही ठीक है "मणि" जीने के लिए... वक्त बीत जाता है बड़े सुकून से दीवारों के सहारों में.. ©ABHISHEK MANI

#शायरी #Loneliness  घना अंधेरा है रूह के गलियारों में..
गैरो से सितम जारी है दिल टूटा है गली चौबारों में,
कोई रोशनी उम्मीद की दिखाई नहीं देती....
खुदगर्जियां भर गई है बचपन के यारो में..
अपनी दुनिया ही ठीक है "मणि" जीने के लिए...
वक्त बीत जाता है बड़े सुकून से दीवारों के सहारों में..

©ABHISHEK MANI

#Loneliness

13 Love

प्यार की थपकी देकर जीवन का अस्तित्व समझाते है, धरा से उठाकर हमे आसमां तक ले जाते है, इनका दर्जा है ऊंचा नारायण से भी, ये वो कारीगर है जो देश के भविष्य की नीव मजबूत बनाते है।। थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व समझाते है... कभी मां कभी पिता कभी भ्राता कभी अभिभावक बनते है, कभी अल्बर्ट कभी कलाम कभी गांधी को जनते है... कभी भी बन हम उम्र रोते को हंसना सिखाते है... कभी फिर सख्त बन बाहर से गलती का अहसास कराते है, इनके गुणों का वर्णन शास्त्र कर नहीं पाए, कलम भी रुक गई लेखक कुछ कर नही पाए, यही इतिहास बदलते है राजनीति का पाठ पढ़ाते है, थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है ... ये महान मानव तुझको नमन बारम्बार है, तेरे एहसानों तले चल रहा संसार है, मेरे करने से कुछ भी तो होता नहीं तेरे आशीर्वाद वाला कभी रोता है... कर मेहर अपनी नजरों की हम नादान शीश झुकाते है.. थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है... ©ABHISHEK MANI

#शायरी #Teachersday  प्यार की थपकी देकर जीवन का अस्तित्व समझाते है,
धरा से उठाकर हमे आसमां तक ले जाते है,
इनका दर्जा है ऊंचा नारायण से भी,
ये वो कारीगर है जो देश के भविष्य की नीव मजबूत बनाते है।।
थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व समझाते है...


कभी मां कभी पिता कभी भ्राता कभी अभिभावक बनते है,
कभी अल्बर्ट कभी कलाम कभी गांधी को जनते है...
कभी भी बन हम उम्र रोते को हंसना सिखाते है...
कभी फिर सख्त बन बाहर से गलती का अहसास कराते है,
इनके गुणों का वर्णन शास्त्र कर नहीं पाए,
कलम भी रुक गई लेखक कुछ कर नही पाए,
यही इतिहास बदलते है राजनीति का पाठ पढ़ाते है,
  
थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है ...

ये महान मानव तुझको नमन बारम्बार है,
तेरे एहसानों तले चल रहा संसार है,
मेरे करने से कुछ भी तो होता नहीं 
तेरे आशीर्वाद वाला कभी रोता है...
कर मेहर अपनी नजरों की हम नादान शीश झुकाते है..

थपकी देकर प्यार की जीवन का अस्तित्व बताते है...

©ABHISHEK MANI

थपकी देकर प्यार की ...... #Teachersday

11 Love

ये किसकी आहट से मेरा शहर खुशनुमा हो गया... सदियों का अंधेरा पल भर में फना हो गया... कहीं फिर गूंजने लगी सरगम मनमोहनी सी.... सारा मोहल्ला किसी के इश्क से सना हो गया.. ©ABHISHEK MANI

#शायरी #MereKhayaal  ये किसकी आहट से मेरा शहर खुशनुमा हो गया...
सदियों का अंधेरा पल भर में फना हो गया...
कहीं फिर गूंजने लगी सरगम मनमोहनी सी....
सारा मोहल्ला किसी के इश्क से सना हो गया..

©ABHISHEK MANI

#MereKhayaal

12 Love

अधूरी शाम.....

अधूरी शाम.....

Tuesday, 17 August | 07:30 pm

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