समेटने लगी हूँ खुद को खुद में ही। यहाँ लोग बिखरे | English Shayari

"समेटने लगी हूँ खुद को खुद में ही। यहाँ लोग बिखरे हुए चीजों को अपना मानने लगे हैं । ©shreyashitiw"

 समेटने लगी हूँ
 खुद को खुद में ही।

यहाँ लोग बिखरे हुए
 चीजों को अपना मानने लगे हैं ।

©shreyashitiw

समेटने लगी हूँ खुद को खुद में ही। यहाँ लोग बिखरे हुए चीजों को अपना मानने लगे हैं । ©shreyashitiw

#standAlone🤠🤠

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