हैरान हूं मैं परेशान हूं मैं,
तुझे कैसे बताऊं क्यों गुमनाम हूं मैं,
मेरी हसरतें थी पाने की शोहरत,
आज देखो खड़ा बेनाम हूं मैं,
कौन हूं क्या हूं मालूम नही है,
ना जाने ये कैसी पहचान हूं मैं,
दिल में तेरे अब मैं ज़रा भी नहीं,
ये देखकर और भी हैरान हूं मैं,
तू करले नफ़रत कितनी भी मुझसे,
फिर भी हर पल तुझपे ही कुर्बान हूं मैं,
किया इश्क तुझसे ना पूछा कौन है
तेरी फितरत से आज भी अनजान हूं मैं।।
©Vinay Rajput
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