नज़रें मिलते ही,
उसने मारे शर्म के पलकें झुकाई ऐसा मुझे लगता है..
हाँ सिर्फ मुझे देख,
सुर्ख होठों पे हंसी की रंगोली बनाई ऐसा मुझे लगता है..
कानों ने सुना, ओ भाईसाहब जरा सुनो!
मगर
अजी सुनते हो! उसने ये आवाज लगाई,
ऐसा मुझे लगता है... 🤪
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©prakash