रात ढली सुबह मुस्कराने लगी होले होले उम्मीद पंख फै | हिंदी कविता

"रात ढली सुबह मुस्कराने लगी होले होले उम्मीद पंख फैलाने लगी नन्ही नन्ही छोटी-छोटी प्यारी-प्यारी पंछियों की चहचहाहट आने लगी रक्त लालिमा से सजी सूरज की किरणें धरती को सतरंगी ओढ़नी पहनाने लगी पल-पल बरसती नर्म फूलों की चादर राहों को महफ़िल सी सजाने लगी कौन कहता जिंदगी में कोई रंग नही रंग ने ही तो जिंदगी की कहानी लिखी"

 रात ढली सुबह मुस्कराने लगी
होले होले उम्मीद पंख फैलाने लगी
नन्ही नन्ही छोटी-छोटी प्यारी-प्यारी
पंछियों की चहचहाहट आने लगी
रक्त लालिमा से सजी सूरज की किरणें धरती को सतरंगी ओढ़नी पहनाने लगी
पल-पल बरसती नर्म फूलों की चादर
राहों को महफ़िल सी सजाने लगी 
कौन कहता जिंदगी में कोई रंग नही
रंग ने ही तो जिंदगी की कहानी लिखी

रात ढली सुबह मुस्कराने लगी होले होले उम्मीद पंख फैलाने लगी नन्ही नन्ही छोटी-छोटी प्यारी-प्यारी पंछियों की चहचहाहट आने लगी रक्त लालिमा से सजी सूरज की किरणें धरती को सतरंगी ओढ़नी पहनाने लगी पल-पल बरसती नर्म फूलों की चादर राहों को महफ़िल सी सजाने लगी कौन कहता जिंदगी में कोई रंग नही रंग ने ही तो जिंदगी की कहानी लिखी

#weather

People who shared love close

More like this

Trending Topic