रात ढली सुबह मुस्कराने लगी
होले होले उम्मीद पंख फैलाने लगी
नन्ही नन्ही छोटी-छोटी प्यारी-प्यारी
पंछियों की चहचहाहट आने लगी
रक्त लालिमा से सजी सूरज की किरणें धरती को सतरंगी ओढ़नी पहनाने लगी
पल-पल बरसती नर्म फूलों की चादर
राहों को महफ़िल सी सजाने लगी
कौन कहता जिंदगी में कोई रंग नही
रंग ने ही तो जिंदगी की कहानी लिखी
कोरोना की रात गहरी है
जागना है हमको
सामने सुबह सुनहरी है
चलना है तुझको डटकर
राह चुनी है तूने हटकर
माना राह वीरानी है
बस थोड़ी दूर मंजिल
हर कदम पर दूरी घटती जानी है
कोरोना की रात गहरी है
जागना है हमको
सामने सुबह सुनहरी है
चलना है तुझको डटकर
राह चुनी है तूने हटकर
माना राह वीरानी है
बस थोड़ी दूर मंजिल
हर कदम पर दूरी घटती जानी है
10 Love
बात करो नरम
चाय पियो गरम
सबको गले लगाओ
इंसानियत का धरम
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