होता है जहां से आगाज़-ए-रंजिश
वो अफ़साना बाकी है अभी |
तुम्हें जल्दी होगी अंजाम की साकी
मेरा पैमाना बाकी है अभी |
उसे लगा के गुज़र गया
बिन बरसात के बादल की तरह |
अब कैसे बताएं रकीब को जाके
हमारा ज़माना बाकी है अभी |
ता उम्र जिसका इंतज़ार किया मैंने
हद से भी ज़्यादा ऐतबार किया मैंने |
कहीं मिल जाए तो कह देना
यह पागल दीवाना बाकी है अभी |
इस दौड़ में पीछे छूट गए
कुछ अपने मुझ से रूठ गए |
मुझे ग़लत समझ कर बैठे हैं
उन्हें मनाना बाकी है अभी |
कुछ राज़ हैं दिल में दबे हुए
अल्फाज़ शर्म से ढके हुए |
जो दिल से दिल तक पहुंच सके
इक नज़्म सुनाना बाकी है अभी |
दीन और मज़हब से हो के परे
मुसलसल जो मुझ को मयस्सर करे |
दुश्मनों के शहर में आज भी 'सेठी'
वो एक मैखाना बाकी है अभी |
बाकी है अभी #NojotoTMP @Satyaprem Arun Raina @Nojoto Hindi @Samar Ishrat Ashif