अक्सर पुरूष चकित रहते हैं कि प्रेमिका इतनी स्वीट और पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है....?
तो सुनो-
बारिश में प्रेमिका को उधार की बाईक और रूपया मांगकर भी लांग ड्राइव पर
ले जाते हो. लेकिन पत्नी के आते ही अमीर हो जाने पर भी उससे बारिश होने
पर चाय पकौड़ी बनवाना ही याद आता है.
थकी- हारी पत्नी कुछ कह देती है तो तुम्हारे अहम को इतनी चोट लगती है
कि सुबह तक मुंह फुलाए घूमते हो.......
लेकिन प्रेमिका के आगे 365 दिन भी गिड़गिड़ाने पर कुछ़ हासिल नहीं हो तो भी
संस्कार समझकर उस पर और प्यार लुटाते हो और मान- मुनव्वल शुरू कर देते हो
प्रेमिका को पार्क, रैस्टोरेंट,रिसोर्ट...सुंदर से सुंदर और खर्चीली जगह ले जाते हो....
. लेकिन पत्नी के आते ही उसे मुंडन,जनेऊ,विवाह,पूजा- पाठ,बीमार की सेवा
,श्रद्धांजलि सभा में, सारी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए ले जाते हो...
प्रेमिका को सर से पांव तक घूरते रहने में आंखें नहीं थकती और हर इंच और
हर मौके के लिए शायराना अंदाज रहता है. लेकिन पत्नी के लिए शिकायत -
कितना देर लगाती हो तैयार होने में......
प्रेमिका का फ़ोन चौबीस घ॔टे में चौबीस बार भी आए तो वो "प्यार" लगता है.
लेकिन पत्नी का दिन में दो बार फ़ोन इन्क्वायरी लगने लगता है.
अपने भले अपने मां- बाप की सेवा नहीं किए होंगे लेकिन पत्नी से यही उम्मीद होती
है कि वो चौबीस घंटे उसके पूरे परिवार के सेवा में गुजरे..इसलिए पत्नि को
भी प्रेमीका की तरह प्रेम करो भाई फिर जिंदगी भर खुश खुश रहोगे ..!
©पूर्वार्थ
#my_happiness