पूर्वार्थ

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पूर्वाथ

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White बैठी हैं क्यों दर्द लिए; आतीत-सा मन को शान्त किये । जो बीते पल माहुर से थे; आज क्यों उनके जाम पिए। भविष्य सुनहरा राह देखता; तेरे हर पल आने की, हौसले से तोड़ बेड़ियाँ जख्म भरे अल्फाजों की देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने; आगे बढ़ तू इसी बहाने , दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ; भूल न उसे ; जो कहता तू आगे बढ़। जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ; शत्रु हो जाए छितर - बितर।। मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए , तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।। ©पूर्वार्थ

#जख्म  White बैठी हैं क्यों दर्द लिए;
आतीत-सा मन को शान्त किये ।
जो बीते पल माहुर से थे;
आज क्यों उनके जाम पिए।
भविष्य सुनहरा राह देखता;
तेरे हर पल आने की,
हौसले से तोड़ बेड़ियाँ
जख्म भरे अल्फाजों की
देख आसमाँ भर ऊँची उड़ाने;
आगे बढ़ तू इसी बहाने ,
दर्द मिटा तू ख्व़ाब गढ़ ;
भूल न उसे ;
जो कहता तू आगे बढ़।
जीवन समर में कुछ ऐसे उतर ;
शत्रु हो जाए छितर - बितर।।
मौत भी घबराए तुझ तक आने के लिए ,
तू बन जा एक मिसाल इस जमाने के लिए।।

©पूर्वार्थ

#जख्म से जीता

15 Love

White कभी कभी हम बाती बातों में किसी अपने करीबीयों से यूं ही सवाल पूछते हैं कि तुम मुझे कितना प्यार करते हो...? Actually प्यार होता है या फिर नहीं होता, प्यार को किसी पैमाने से मापा नहीं जा सकता, प्यार situations, understanding, bounding , और maturity के acording कम या ज्यादा होता है...! लेकिन meturty का एक ही पैमाना होता है Experience . पता है तुम्हें रिश्तों में दरारें क्यूँ पड़ती हैं..?, अक्सर हम चाहतें है रिश्तों को जकड़ना खुद के शिकंजे में उन्हें उड़ने नहीं देते एहसासों की खुली हवा मे..! जब कोई उड़ता है ना मुक्ति के आकाश में तो सच मानो इससे सुखद और सुकून भरा एहसास कोई नहीं होता है, पर कभी कभी ये अनुभव अलग अलग होता है एहसासों की जमीन पर ..! बस जरूरत है हमे तो सिर्फ उस भिन्नता को समझने की, कोई प्रेम दे कर खुश होता है तो कोई इसे पा कर..! हकीकत का इतना ही फसाना है कि परिपक्व होने दे इस समझ को और हो जाने दे फना खुद को एहसासों की झील में, मंजिल की फिक्र ना कर ए राही अक्सर जिसे तुम समझ लेते हो अपनी मंजिल वो तो मात्र एक छोटा सा पड़ाव है तुम्हारी यात्रा का ...!! ©पूर्वार्थ

#Shiva  White कभी कभी हम बाती बातों में किसी अपने करीबीयों से यूं ही सवाल पूछते हैं 
कि तुम मुझे कितना प्यार करते हो...?
Actually प्यार होता है या फिर नहीं होता, प्यार को किसी पैमाने से मापा 
नहीं जा सकता, प्यार situations, understanding, bounding 
, और maturity  के acording कम या ज्यादा होता है...!
लेकिन meturty का एक ही पैमाना होता है Experience .

पता है तुम्हें रिश्तों में दरारें क्यूँ पड़ती हैं..?,
अक्सर हम चाहतें है रिश्तों को जकड़ना खुद के शिकंजे में उन्हें उड़ने 
नहीं देते एहसासों की खुली हवा मे..!
जब कोई उड़ता है ना मुक्ति के आकाश में तो
सच मानो इससे सुखद और सुकून भरा एहसास कोई नहीं होता है, पर कभी 
कभी ये अनुभव अलग अलग होता है एहसासों की जमीन पर ..!
बस जरूरत है हमे तो सिर्फ उस भिन्नता को समझने की, 
कोई प्रेम दे कर खुश होता है तो कोई इसे पा कर..!
हकीकत का इतना ही फसाना है कि परिपक्व होने दे इस समझ को और हो जाने दे 
फना खुद को एहसासों की झील में, मंजिल की फिक्र ना कर ए राही अक्सर जिसे तुम 
समझ लेते हो अपनी मंजिल वो तो मात्र एक छोटा सा पड़ाव है तुम्हारी यात्रा का ...!!

©पूर्वार्थ

#Shiva

14 Love

White सपनों की इस आस में, सफलता की भीनी प्यास में, कठिनाइयों के वास में, कहीं भूल खुद को न जाना तुम। आंखों में सपने लिए, हाथों में हो पुस्तक लिए, सफलता की इन राहों पर, किसी शूल से न टकराना तुम। कर लो यदि गलती कोई, भूल तो है सबसे होई, अपने मन में ग्लानि लिए, दोषी खुद को न ठहराना तुम। जीतने की इस होड़ में, जिंदगी की कठिन सी दौड़ में, अग्नि भी मिलेगी धधकती हुई, कहीं राख ही न बन जाना तुम। चिड़ियाओं के हल्के शोर में, तुम जगना सदा ही भोर में, पर इतना सब करते हुए, कहीं भूल खुद को न जाना तुम। ©पूर्वार्थ

#love_shayari  White सपनों की इस आस में,
सफलता की भीनी प्यास में,
कठिनाइयों के वास में,
कहीं भूल खुद को न जाना तुम।

आंखों में सपने लिए,
हाथों में हो पुस्तक लिए,
सफलता की इन राहों पर,
किसी शूल से न टकराना तुम।

कर लो यदि गलती कोई,
भूल तो है सबसे होई,
अपने मन में ग्लानि लिए,
दोषी खुद को न ठहराना तुम।

जीतने की इस  होड़ में,
जिंदगी की कठिन सी दौड़ में,
अग्नि भी मिलेगी धधकती हुई,
कहीं राख ही न बन जाना तुम।

चिड़ियाओं के हल्के शोर में,
तुम जगना सदा ही भोर में,
पर इतना सब करते हुए,
कहीं भूल खुद को न जाना तुम।

©पूर्वार्थ

#love_shayari

13 Love

White खामोशी यह एक अभिव्यक्ति जो हरदम चुप्पी साधे दिखती यह अपने में समाये, संवेगों की मौन व्यथाये है ।। दुनिया सुनती शब्दो को खामोशी की व्यथा नही, अंतर्द्धद्ध में जलता हैं मन शब्दो मे ये बंधा नहीं।। ख़ामोशी का यह ज्वार विरह-वेदना को भी, निर्झर बहा देता काँटो से घिरकर भी गुलाब मौन बना सब सह जाता ।। खामोशी मन के तहखाने से सपनों में जिंदा लाशें है। कुछ अपनो का ठुकराना जीवन की घुटती सांसे है । जमाना क्या जाने इन एहसासों की गहराई जो खामोशी बन बैठीं अब मन की सच्ची प्रहरी ।। ©पूर्वार्थ

#love_shayari  White खामोशी 
यह एक अभिव्यक्ति 
जो हरदम चुप्पी साधे दिखती
 यह अपने में समाये,
 संवेगों की मौन व्यथाये है ।।

दुनिया सुनती शब्दो को 
खामोशी की व्यथा नही, 
अंतर्द्धद्ध में जलता हैं मन 
शब्दो मे ये बंधा नहीं।।

ख़ामोशी का यह ज्वार
 विरह-वेदना को भी, निर्झर बहा देता 
काँटो से घिरकर भी गुलाब
 मौन बना सब सह जाता ।।

खामोशी मन के तहखाने से
सपनों में जिंदा लाशें है। 
कुछ अपनो का ठुकराना
जीवन की घुटती सांसे है ।

जमाना क्या जाने
इन एहसासों की गहराई
जो खामोशी बन बैठीं अब
मन की सच्ची प्रहरी ।।

©पूर्वार्थ

#love_shayari

11 Love

White बड़े दिनों बाद आज बचपन की वो मस्तियां याद आई हैं, हम भाई बहनों ने मिल छुट्टियां सालों पहले जो बताई हैं। खट्टी- मीठी यादों से भरे वो दिन भी बड़े खास थे, कारण इसका है यही कि तब हम सभी एक साथ थे। छोटे से कमरे में लगता था हम सभी भाई- बहनों का डेरा, कभी ताश, कभी लूडो, कभी कैरम से होता शुरू था सवेरा। आंगन में दौड़- दौड़ कर कभी खेली खूब पकड़म- पकड़ी, तो कभी साइकिल ले गलियों में खूब मचाई धमा चौकड़ी। तब खेल खेल में एक बंदलवाल से हमने कुछ मोती भी संजोए थे, सोचा पेड़ लगेंगे इस भाव से कुछ मोती मिट्टी में भी बोए थे। आज हमें हीरे - मोती की कोई फसल भले मिली नहीं, पर उन हीरे मोतीयों से भी कीमती यादें हमेशा हमारे साथ रही। आज सभी भाई बहन अपनी-अपनी राहों पर हैं हो लिए, कोई कहां, कोई कहीं व्यस्त है आंखों में अपनी सपने लिए। फिर भी बातें ये पुरानी याद कर खुश हम हो जाते हैं, उन बेहतरीन पलों की आज सिर्फ यादों में खो जाते हैं। सोचते हैं हम सभी कि उस वक्त में यदि वापस जा पाते, तो किसी बिगड़ी हुई बात को संवारने न जाते। बल्कि हम तो बस साथ बीते उन लम्हों को, साथ मिल फिर से जी कर आ जाते, .............फिर से जी कर आ जाते। - ©पूर्वार्थ

#मस्ती  White बड़े दिनों बाद आज बचपन की वो मस्तियां याद आई हैं, 
हम भाई बहनों ने मिल छुट्टियां सालों पहले जो बताई हैं। 
खट्टी- मीठी यादों से भरे वो दिन भी बड़े खास थे, 
कारण इसका है यही कि तब हम सभी एक साथ थे।
 
छोटे से कमरे में लगता था हम सभी भाई- बहनों का डेरा, 
कभी ताश, कभी लूडो, कभी कैरम से होता शुरू था सवेरा। 
आंगन में दौड़- दौड़ कर कभी खेली खूब पकड़म- पकड़ी, 
तो कभी साइकिल ले गलियों में खूब मचाई धमा चौकड़ी।
 
तब खेल खेल में एक बंदलवाल से हमने कुछ मोती भी संजोए थे,
सोचा पेड़ लगेंगे इस भाव से कुछ मोती मिट्टी में भी बोए थे। 
आज हमें हीरे - मोती की कोई फसल भले मिली नहीं, 
पर उन हीरे मोतीयों से भी कीमती यादें हमेशा हमारे साथ रही।
 
आज सभी भाई बहन अपनी-अपनी राहों पर हैं हो लिए, 
कोई कहां, कोई कहीं व्यस्त है आंखों में अपनी सपने लिए। 
फिर भी बातें ये पुरानी याद कर खुश हम हो जाते हैं, 
उन बेहतरीन पलों की आज सिर्फ यादों में खो जाते हैं।
 
सोचते हैं हम सभी कि उस वक्त में यदि वापस जा पाते, 
तो किसी बिगड़ी हुई बात को संवारने न जाते। 
बल्कि हम तो बस साथ बीते उन लम्हों को, 
साथ मिल फिर से जी कर आ जाते, 
.............फिर से जी कर आ जाते। 
                                  -

©पूर्वार्थ

White ♦️Must read Saw many status updates and posts on various social media where women posting the different news of rape and sexual assault cases combined with a tag line of #Men_will_be_Men. I've even saw some of women particular age between 18-30 posting status like.. "All Men are rapist, if not today then a future potential rapist" like seriously? 😥 Looking at all this Actually makes me think where are we heading as a society? That same society in which women and men live together and makes a better place. Well, well so many emotions at present that hard to convey.. Everything started with the pursuit of justice for Moumita, but it has now turned into a battle of Men vs Women. Women are blaming the every men for rape and sexual assault cases. How is it justifiable to blame an entire community? Men also face false rape charges and many other false accusations. Some women misuse their gender as leverage, but we don't blame all women for that. We should focus on seeking justice instead of playing gender blame game.🥂 ©पूर्वार्थ

#men_will_be_men #GoodMorning #Quotes  White ♦️Must read 

Saw many status updates and posts on
 various social media where women posting the
 different news of rape and sexual assault 
cases combined with a tag line of #Men_will_be_Men.

I've even saw some of women particular
 age between 18-30 posting status like..

"All Men are rapist, if not today then a 
future potential rapist" like seriously? 😥

Looking at all this Actually makes me think
 where are we heading as a society? That same 
society in which women and men live together 
and makes a better place. Well, well so
 many emotions at present that hard to convey.. 

Everything started with the pursuit of justice for
 Moumita, but it has now turned
 into a battle of Men vs Women. 

Women are blaming the every men for rape
 and sexual assault cases. How is it justifiable
 to blame an entire community? 

Men also face false rape charges and many other 
false accusations. Some women misuse their 
gender as leverage, but we don't blame all women for that. 

We should focus on seeking justice instead
 of playing gender blame game.🥂

©पूर्वार्थ

#GoodMorning

15 Love

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