White लिए मुस्कान तराने स्वागत के गाऊं,
जब जब मैं इस नये उपवन में आऊं।
करने माली से विनती मैं भी जाऊं,
नमन कर फिर चरण उनके छू पाऊं।
जिनसे महफूज़ है आंचल वतन का,
मैं एक गुल हूं अपने गुलशन का।।
प्रेम शंकर "नूरपुरिया"
मौलिक स्वरचित
©prem shanker noorpuriya
#good_night