मेरी मोह्हबत की किताब छपती गई और मेरी चाहत तेरे लि
"मेरी मोह्हबत की किताब छपती गई
और मेरी चाहत तेरे लिए तड़पती गई
लोग पूछते रह गए मेरे दर्द की वजह
मेरी आँखें उन्हे बेवफा कहती गई......!!
(मानवेन्द्र की कलम से)"
मेरी मोह्हबत की किताब छपती गई
और मेरी चाहत तेरे लिए तड़पती गई
लोग पूछते रह गए मेरे दर्द की वजह
मेरी आँखें उन्हे बेवफा कहती गई......!!
(मानवेन्द्र की कलम से)