सपना जब टूट जाता हैं,
कोई अपना जब पीछे छूट जाता हैं।
फिर ख्वाब भी अपना नहीं रहता,
तब मंजिल भी आखिर रूठ जाता हैं।
मेरे यार बता आखिर मेरा फर्ज क्या हैं,
जो हर ले आखिर में सारी उदासी वो मर्ज क्या हैं।
...कुमार आदित्य...
...sayari dil se ❤️😔
@laparwah 139...
🙏
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©Kumar Aditya
मर्ज