Kumar Aditya

Kumar Aditya Lives in Allahabad, Uttar Pradesh, India

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#sadagi  लोग जो पुरूषार्थ कि भाषा बताते, 
लोग जो ख़ुद बातों से मुकर है जाते।
लोग जो थोड़े शोहरतो पर लड़ने वाले, 
हम क्या बताये अपनी भावार्थ साहब, 
हम तो हैं सादगी पर मरने वाले।
laparwah139.......
कभी पेड़ से पूछो कि ज्ञान क्या होता,
आँधियों में अड़ने का अभिमान क्या होता।
कुछ लोग जो हैं तिनकों सा बिखरने वाले, 
कुछ लोग झूठी शान पर अड़ने वाले।
हम क्या बताये अपनी भावार्थ साहब,
हम तो हैं सादगी पर मरने वाले।
laparwah139.........
kumaraditya ❤️❤️
चित्त, गंदगी के ढ़ेर में दबे है जिनके,
दोनों पैर भी दलदल में फंसे हैं जिनके, 
वो दिखाते मंज़िलों की राह साहब, 
तन-मन में तो यमराज ही बसे हैं जिनके। 
कुछ लोग जो पावो को जकडने वाले, 
हम क्या बताये अपनी भावार्थ साहब, 
हम तो हैं सादगी पर मरने वाले। 
...laparwah139 🙏🙏🙏❤️
sayri dil se...
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©Kumar Aditya

#sadagi

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Kahaniyon Ki Shaam

Kahaniyon Ki Shaam

Wednesday, 8 March | 08:00 pm

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एक शहर एक शहर जो मुझे भाता रहा है, मेरे यादों पर बादल सा छाता रहा हैं। कभी हो सपना,हकीकत हो या फिर, इशारों में मुझको बुलाता रहा हैं। आना और जाना तो चलता ही रहता, पवन अपनापन का तो हरदम ना बहता। ये ठहरी सड़क,इनपे चलती ये गाडिय़ा, सफर रुकता चलता ये कुछ तो हैं कहता। कोई अपना इसकी सादगी को गाता रहा हैं, एक शहर जो मुझको भाता रहा हैं। हमसफर हैं मुझको बनाना वही से, हैं ख्वाबों की दुनियाँ सजाना वही से। हो सुबह की गुमसुम,या शामों में हिस्सा, एक पल धड़कन को अपनी, ठहराना वही से। जो मेरे बेचैन मन को मनाता रहा हैं, एक शहर जो मुझको भाता रहा हैं। मेरी यादों में बादल सा छाता रहा हैं। ...कुमार आदित्य... ...laparwah139...❤️❤️ ❤️❤️ . ©Kumar Aditya

 एक शहर

एक शहर जो मुझे भाता रहा है, 
मेरे यादों पर बादल सा छाता रहा हैं।
कभी हो सपना,हकीकत हो या फिर, 
इशारों में मुझको बुलाता रहा हैं। 

आना और जाना तो चलता ही रहता, 
पवन अपनापन का तो हरदम ना बहता।
ये ठहरी सड़क,इनपे चलती ये गाडिय़ा, 
सफर रुकता चलता ये कुछ तो हैं कहता।
कोई अपना इसकी सादगी को गाता रहा हैं,
एक शहर जो मुझको भाता रहा हैं।

हमसफर हैं मुझको बनाना वही से, 
हैं ख्वाबों की दुनियाँ सजाना वही से।
हो सुबह की गुमसुम,या शामों में हिस्सा, 
एक पल धड़कन को अपनी, ठहराना वही से।
जो मेरे बेचैन मन को मनाता रहा हैं, 
एक शहर जो मुझको भाता रहा हैं। 
मेरी यादों में बादल सा छाता रहा हैं।
...कुमार आदित्य...
...laparwah139...❤️❤️
❤️❤️













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©Kumar Aditya

शहर

9 Love

सुनो जरा मुझे, संभालो ना बाबा, मेरी डूबती नईया को, बचा लो ना बाबा। ये तेरे माया नगरी के लोग मुझे सताते बहुत हैं, मुझे भी अपने पास बुला लो ना बाबा। ...कुमार आदित्य... ...laparwah139... 😔🙏🙏❤️ . ©Kumar Aditya

 सुनो जरा मुझे, संभालो ना बाबा, 
मेरी डूबती नईया को, बचा लो ना बाबा।
ये तेरे माया नगरी के लोग मुझे सताते बहुत हैं, 
मुझे भी अपने पास बुला लो ना बाबा।
...कुमार आदित्य...
...laparwah139...
😔🙏🙏❤️

















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©Kumar Aditya

महादेव

11 Love

 सपना जब टूट जाता हैं,
कोई अपना जब पीछे छूट जाता हैं।
फिर ख्वाब भी अपना नहीं रहता,
तब मंजिल भी आखिर रूठ जाता हैं।
मेरे यार बता आखिर मेरा फर्ज क्या हैं, 
जो हर ले आखिर में सारी उदासी वो मर्ज क्या हैं।
...कुमार आदित्य...

...sayari dil se ❤️😔
@laparwah 139...
🙏









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©Kumar Aditya

मर्ज

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