शब्द शब्द बांध के मैं तुमसे
खुद को जोड़े रखती हूं,,,
प्रेम के सिवाए तुमसे दूसरा
कोई स्वार्थ थोड़े रखती हूं,,,
एक तुमसे ही जन्मों का बंधन
लगता है मुझे,,. हां...
मगर तुम्हें हर बंधन से मुक्त रखती हूं,,
पूछते हैं लोग मुझ में तुम्हारे होने की वजह,,
इसलिए दुनिया से खुद को दूर रखती हूं,,,
नंदिनी,,,,
©Nandini..