Nandini..

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किरणों से सजे दरख्तों पर, भी सुकून नही मिलता.. बैठा रहता हूँ उसके इंतजार को संभाले, मगर उसका पता नही मिलता... चलता रहता है वो हर पहर, मेरे मन के किनारे.. वैसे तो वो मुझसे कभी नही मिलता... नंदिनी... ©Nandini..

#शायरी  किरणों से सजे दरख्तों पर,
भी सुकून नही मिलता..
बैठा रहता हूँ उसके इंतजार को संभाले,
मगर उसका पता नही मिलता...
चलता रहता है वो हर पहर,
मेरे मन के किनारे..
वैसे तो वो मुझसे कभी नही मिलता...
नंदिनी...

©Nandini..

किरणों से सजे दरख्तों पर, भी सुकून नही मिलता.. बैठा रहता हूँ उसके इंतजार को संभाले, मगर उसका पता नही मिलता... चलता रहता है वो हर पहर, मेरे मन के किनारे.. वैसे तो वो मुझसे कभी नही मिलता... नंदिनी... ©Nandini..

13 Love

White दुनियां लूट रही है फिजूल के रिवाजों पर, मिट्टी भी बिक रही है सोने के भावों पर, और मेरे,तुम्हारे भावों का गुलदस्ता बड़ा सस्ता हो गया.. खिलना पड़ रहा है कांटों के इशारों पर... नंदिनी... ©Nandini..

#कविता  White दुनियां लूट रही है
फिजूल के रिवाजों पर,
मिट्टी भी बिक रही है 
सोने के भावों पर,
और मेरे,तुम्हारे भावों का 
गुलदस्ता बड़ा सस्ता हो गया..
खिलना पड़ रहा है कांटों के इशारों पर...
नंदिनी...

©Nandini..

White दुनियां लूट रही है फिजूल के रिवाजों पर, मिट्टी भी बिक रही है सोने के भावों पर, और मेरे,तुम्हारे भावों का गुलदस्ता बड़ा सस्ता हो गया.. खिलना पड़ रहा है कांटों के इशारों पर... नंदिनी... ©Nandini..

14 Love

#कविता  तुम्हारी दोनों भौहों के मध्य ,,
जो रेखाएं अंकित होती हैं,,वहीं
मेरे जीवन की सारी शैलियां खिलखिलाती हैं,,
जब तुम मुझे देख कर मुस्कुराते हो,,,
नंदिनी.....

©Nandini..

तुम्हारी दोनों भौहों के मध्य ,, जो रेखाएं अंकित होती हैं,,वहीं मेरे जीवन की सारी शैलियां खिलखिलाती हैं,, जब तुम मुझे देख कर मुस्कुराते हो,,, नंदिनी..... ©Nandini..

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#शायरी  सजग मगर अचेतन दशा में बैठा मौन मगर,,,
उतावला सा मन....
ढूंढता रहता है उसे जो मेरे सपनों के सिरहाने,,,,
हर रात जलता रहता है.....  जैसे कोई  दीपक,,
कार्तिक मास का अंतिम पहर भी बीत जाने को है....
मगर जिसकी प्रतीक्षा में अमावस सजाई थी,,,
अनेकों दीपों के साथ,,,
प्रतीक्षा में ही -
अर्ध मास का चक्र पूर्ण हुआ,,
पूर्ण हुआ संपूर्ण जगत का चंद्रमा,,,
मगर खोया हुआ सा है अब तक,,
मेरी आंखों का तारा,,, 
नंदिनी,,,

©Nandini..

सजग मगर अचेतन दशा में बैठा मौन मगर,,, उतावला सा मन.... ढूंढता रहता है उसे जो मेरे सपनों के सिरहाने,,,, हर रात जलता रहता है..... जैसे कोई दीपक,, कार्तिक मास का अंतिम पहर भी बीत जाने को है.... मगर जिसकी प्रतीक्षा में अमावस सजाई थी,,, अनेकों दीपों के साथ,,, प्रतीक्षा में ही - अर्ध मास का चक्र पूर्ण हुआ,, पूर्ण हुआ संपूर्ण जगत का चंद्रमा,,, मगर खोया हुआ सा है अब तक,, मेरी आंखों का तारा,,, नंदिनी,,, ©Nandini..

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पुरानी तस्वीरों से,, पुरानी डायरियों से ,, पुरानी किताबों से,,और पुरानी यादों से,, कुछ फुर्सत उधार ले लिया करो,, ये फुर्सत न मिलने के बहाने ,,, अक्सर रिश्ते तोड़ देते हैं,, छोटी सी जिंदगी के ..... छूटे हुए कुछ छोटे-छोटे खुशियों के पल,, सालों तक मलाल देते हैं,,, नंदिनी,,, ©Nandini..

#शायरी #delicate  पुरानी तस्वीरों से,,
पुरानी डायरियों से ,,
पुरानी किताबों से,,और
पुरानी यादों से,,
कुछ फुर्सत  उधार ले लिया करो,,
ये फुर्सत न मिलने के बहाने ,,,
अक्सर रिश्ते तोड़ देते हैं,,
छोटी सी जिंदगी के .....
छूटे हुए कुछ छोटे-छोटे खुशियों के पल,,
सालों तक मलाल देते हैं,,,

नंदिनी,,,

©Nandini..

#delicate

15 Love

#शायरी  शब्द शब्द बांध के मैं तुमसे
 खुद को जोड़े रखती हूं,,,
प्रेम के सिवाए तुमसे दूसरा
 कोई स्वार्थ थोड़े रखती हूं,,,
एक तुमसे ही जन्मों का बंधन 
लगता है मुझे,,. हां...
मगर तुम्हें हर बंधन से मुक्त रखती हूं,,
पूछते हैं लोग मुझ में तुम्हारे होने की वजह,,
इसलिए दुनिया से खुद को दूर रखती हूं,,,

नंदिनी,,,,

©Nandini..

शब्द शब्द बांध के मैं तुमसे खुद को जोड़े रखती हूं,,, प्रेम के सिवाए तुमसे दूसरा कोई स्वार्थ थोड़े रखती हूं,,, एक तुमसे ही जन्मों का बंधन लगता है मुझे,,. हां... मगर तुम्हें हर बंधन से मुक्त रखती हूं,, पूछते हैं लोग मुझ में तुम्हारे होने की वजह,, इसलिए दुनिया से खुद को दूर रखती हूं,,, नंदिनी,,,, ©Nandini..

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