White पक्के-पक्के जो शे'र कहते हैं
उम्र के कच्चे सारे लड़के हैं
हम जो कविता करें,तो कैसे करें
शिल्प अनगढ़ है भाव कच्चे हैं
हमने मरहम कभी नहीं देखा
सैकड़ों घाव मगर देखे हैं
उम्र टकराहटों में गुज़रेगी
उनकी जो भी सँभल के चलते हैं
ज़ख़्म जितने हैं मेरे दिल पे गिनो
और बताओ मेरे दोस्त कितने हैं?
©Ghumnam Gautam
#ghumnamgautam
#उम्र
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