A Mother's Prayer शंकाएं मिटाती है नजर उतारकर, | हिंदी कविता

"A Mother's Prayer शंकाएं मिटाती है नजर उतारकर, शुद्ध आहार से संतुष्ट नहीं होती, बूटियां डालकर काढ़ा भी पिलाती है डॉक्टर को दिखाकर निश्चिंत नहीं होती। वो मॉम्म, मम्मा मदर, सब बनती है मगर मां, मां ही रहती है आधुनिक नहीं होती ©रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि""

 A Mother's Prayer   

शंकाएं मिटाती है
नजर उतारकर,
शुद्ध आहार से संतुष्ट नहीं होती,
बूटियां डालकर
काढ़ा भी पिलाती है
डॉक्टर को दिखाकर निश्चिंत नहीं होती।
वो मॉम्म, मम्मा मदर,
सब बनती है मगर
मां, मां ही रहती है आधुनिक नहीं होती

©रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि"

A Mother's Prayer शंकाएं मिटाती है नजर उतारकर, शुद्ध आहार से संतुष्ट नहीं होती, बूटियां डालकर काढ़ा भी पिलाती है डॉक्टर को दिखाकर निश्चिंत नहीं होती। वो मॉम्म, मम्मा मदर, सब बनती है मगर मां, मां ही रहती है आधुनिक नहीं होती ©रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि"

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