दिमाग किसी भूखे सपेरे का ओ नुमाइशी सांप है जो बीन | हिंदी विचार

"दिमाग किसी भूखे सपेरे का ओ नुमाइशी सांप है जो बीन के धुन पर नहीं पिटारी की घूटन से तंग आकर अपना फन फैलाता है... ©Ashab Khan"

 दिमाग किसी भूखे सपेरे का ओ नुमाइशी सांप है जो बीन के धुन पर नहीं पिटारी की घूटन से तंग आकर अपना फन फैलाता है...

©Ashab Khan

दिमाग किसी भूखे सपेरे का ओ नुमाइशी सांप है जो बीन के धुन पर नहीं पिटारी की घूटन से तंग आकर अपना फन फैलाता है... ©Ashab Khan

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