बहुत हिम्मत चाइये, इस बात को बर्दाश करने के लिए, | हिंदी Shayari

"बहुत हिम्मत चाइये, इस बात को बर्दाश करने के लिए, की जिसे हम प्यार करते हैं, वो किसी और का है।। (दिल -ए - नादाँ) मौत से मौत की रजा ( सहमति) माँगी, जिंदगी से तंग आ गया, इसलिए, मौत से मौत की दुआ माँगी। दिल से कैसे बर्दाश करता उन नज़ारों को, जो तू, किसी और का है। इसलिए, मैंने ख़ुदा से, तेरी ही हाथों से हो मेरी मौत, बस इतनी अपने लिए सज़ा माँगी।। ©कवि विजय सर जी"

 बहुत हिम्मत चाइये, इस बात को बर्दाश करने के लिए, 
की 
जिसे हम प्यार करते हैं, 
वो किसी और का है।।
(दिल -ए - नादाँ) 
मौत से मौत की रजा ( सहमति) माँगी, 
जिंदगी से तंग आ गया, 
इसलिए, मौत से मौत की दुआ माँगी। 
दिल से कैसे बर्दाश करता उन नज़ारों को, 
जो तू, किसी और का है।
इसलिए, मैंने ख़ुदा से, तेरी ही हाथों से हो मेरी मौत, 
बस इतनी  अपने लिए सज़ा माँगी।।

©कवि विजय सर जी

बहुत हिम्मत चाइये, इस बात को बर्दाश करने के लिए, की जिसे हम प्यार करते हैं, वो किसी और का है।। (दिल -ए - नादाँ) मौत से मौत की रजा ( सहमति) माँगी, जिंदगी से तंग आ गया, इसलिए, मौत से मौत की दुआ माँगी। दिल से कैसे बर्दाश करता उन नज़ारों को, जो तू, किसी और का है। इसलिए, मैंने ख़ुदा से, तेरी ही हाथों से हो मेरी मौत, बस इतनी अपने लिए सज़ा माँगी।। ©कवि विजय सर जी

#Past zindagi sad shayari

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