मार्ग जब अवरुद्ध हो, भाग्य तुम पर क्रुद्ध हो, परस् | हिंदी शायरी

"मार्ग जब अवरुद्ध हो, भाग्य तुम पर क्रुद्ध हो, परस्थिति विरूद्ध हो, और मनोरथों से युद्ध हो, पर आस्था अडिग रहे व तल हृदय का शुद्ध हो, तब तुम स्वयं ही ईश हो, तुम स्वयं ही बुद्ध हो, ©पवन आर्य"

 मार्ग जब अवरुद्ध हो, भाग्य तुम पर क्रुद्ध हो,
परस्थिति विरूद्ध हो, और मनोरथों से युद्ध हो,
पर आस्था अडिग रहे व तल हृदय का शुद्ध हो,
तब तुम स्वयं ही ईश हो, तुम स्वयं ही बुद्ध हो,

©पवन आर्य

मार्ग जब अवरुद्ध हो, भाग्य तुम पर क्रुद्ध हो, परस्थिति विरूद्ध हो, और मनोरथों से युद्ध हो, पर आस्था अडिग रहे व तल हृदय का शुद्ध हो, तब तुम स्वयं ही ईश हो, तुम स्वयं ही बुद्ध हो, ©पवन आर्य

#BudhhaPurnima

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