नाम के आगे से जाति को हटाना हैं, रुढ़िवादी बेडियों | हिंदी शायरी

"नाम के आगे से जाति को हटाना हैं, रुढ़िवादी बेडियों को तोड़कर दिखाना हैं, जहां इंसान अपने कर्म से जाना जाए, मुझे ऐसे भविष्य के भारत को बनना हैं, जातिवाद का जहर घोल दिया, इंसानों ने इंसानों की परिपाटी मे, देखो एक दिन सभी को मर कर, मिल जाना है मात्र इस माटी मे, ©पवन आर्य"

 नाम के आगे से जाति को हटाना हैं,
रुढ़िवादी बेडियों को तोड़कर दिखाना हैं,
जहां इंसान अपने कर्म से जाना जाए,
मुझे ऐसे भविष्य के भारत को बनना हैं,

जातिवाद का जहर घोल दिया,
इंसानों ने इंसानों की परिपाटी मे,
देखो एक दिन सभी को मर कर,
मिल जाना है मात्र इस माटी मे,

©पवन आर्य

नाम के आगे से जाति को हटाना हैं, रुढ़िवादी बेडियों को तोड़कर दिखाना हैं, जहां इंसान अपने कर्म से जाना जाए, मुझे ऐसे भविष्य के भारत को बनना हैं, जातिवाद का जहर घोल दिया, इंसानों ने इंसानों की परिपाटी मे, देखो एक दिन सभी को मर कर, मिल जाना है मात्र इस माटी मे, ©पवन आर्य

#Likho

People who shared love close

More like this

Trending Topic