#Pehlealfaaz तेरा साथ
तेरी उम्मीद को तोडूँ, मुझमे इतने हौसले तो नही
किसी कि बातों मे आके तुझसे बैर करुं
हमारे रिश्ते इतने खोखले तो नही।
हाँ नाराजगी होती है कई दफा अपनों से भी
पर प्यार है ही नही, ये सही तो नही।
अगर होती है उलझनें रिश्तों के दरमियाँ, किसी कि सुनी सुनाई बातों से
तो तुमने क्या जाना,और जिसे जानते नही, उन्हें अपना कैसे माना।
ये सवाल नही जबाब है, पुछो कभी खुद से,क्या क्या तुझे शिकायत है।
चाहने वाले हैं ढेरों,पर तुझको किससे मोहब्बत है?