White सजा सजल नयन हो या हो पद हो कोई ईश का,  मन म | हिंदी Poetry

"White सजा सजल नयन हो या हो पद हो कोई ईश का,  मन में प्रेम क्षद्म हो या प्रीत हो शिरीष सा।  अनंत तक वही गया , है बोध जिसे तत्व का,   धनीं यहां वही सदा,है ज्ञान जिसे सत्य का।  अधीर मन की प्रेरणा,कुछ पल की वास मात्र है,  किस्से वही जीवंत हैं जो एक काल तक कुठाग्र हैं।  मन में रचित रचना का, है भला अस्तित्व क्या?  जो कालजयी बन लड़ा, हर गीत में वो ही पात्र है।। ©Vishwas Pradhan"

 White सजा सजल नयन हो या हो पद हो कोई ईश का,

 मन में प्रेम क्षद्म हो या प्रीत हो शिरीष सा।

 अनंत तक वही गया , है बोध जिसे तत्व का, 

 धनीं यहां वही सदा,है ज्ञान जिसे सत्य का।

 अधीर मन की प्रेरणा,कुछ पल की वास मात्र है,

 किस्से वही जीवंत हैं जो एक काल तक कुठाग्र हैं।

 मन में रचित रचना का, है भला अस्तित्व क्या?

 जो कालजयी बन लड़ा, हर गीत में वो ही पात्र है।।

©Vishwas Pradhan

White सजा सजल नयन हो या हो पद हो कोई ईश का,  मन में प्रेम क्षद्म हो या प्रीत हो शिरीष सा।  अनंत तक वही गया , है बोध जिसे तत्व का,   धनीं यहां वही सदा,है ज्ञान जिसे सत्य का।  अधीर मन की प्रेरणा,कुछ पल की वास मात्र है,  किस्से वही जीवंत हैं जो एक काल तक कुठाग्र हैं।  मन में रचित रचना का, है भला अस्तित्व क्या?  जो कालजयी बन लड़ा, हर गीत में वो ही पात्र है।। ©Vishwas Pradhan

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