हमनें गैरों के शिकायत कि कोई कसर नहीं रख्खी,
ये हकीकत ही तो है खुद की खुद पे नज़र नही रख्खी।
हुनर ऐसा जहां कि बदसूरत तश्वीरे बनाते रहे ता उम्र,
क्या हालत हैं खुद के तस्वीर की कोई खबर नहीं रख्खी।
शिव बेगाना
07/04/2022
11:38 PM
©Shiv Kushwaha
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