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Poet, Social Speaker
White सच्चा धर्म छिपाकर नकली धर्म को रोया जाए। मतलब इंसानों के लहू से धरती को धोया जाए।। हमें धर्म-जात की कट्टरता खुद रिश्ते निभाते हो। धत्त बेईमानो के कहने पे सुकून को खोया जाए।। 27/10/2024 11:57 pm ©Shiv Kushwaha
Shiv Kushwaha
16 Love
हैं सौदागर बहुत आँसुओं के जगत में, बात-बात पे आँसू गिराना नही चाहिए। जो भी शिक़वे गिले हों वो अपनो से कहो, सबके चरणों में सिर झुकाना नही चाहिए।। शिव कुशवाहा बेगाना 30/8/2024 10:55 Am ©Shiv Kushwaha
13 Love
White नफ़रत से नही देश मोहोब्बत से चलता है, मैत्री,करुणा के पानी से गुलशन खिलता हैं। ये मज़हबी जिहादी मानवता की दुश्मन हैं, रक़ीबों से भी लगो गले बड़ा सुकूं मिलता हैं। शिव कुशवाहा बेगाना 07/08/2020 ©Shiv Kushwaha
14 Love
हमनें गैरों के शिकायत कि कोई कसर नहीं रख्खी, ये हकीकत ही तो है खुद की खुद पे नज़र नही रख्खी। हुनर ऐसा जहां कि बदसूरत तश्वीरे बनाते रहे ता उम्र, क्या हालत हैं खुद के तस्वीर की कोई खबर नहीं रख्खी। शिव बेगाना 07/04/2022 11:38 PM ©Shiv Kushwaha
12 Love
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White रहें खामोश कई अरसे से तो बड़ा जुल्म हुआ, आबरु तक लूटी गई हैं ये क्या कम जुल्म हुआ। बरसों से हुकूमत चलाई हैं चाहे तन हो या मन, अब हैरानी कैसी तुम्हें जो हमें भी इल्म हुआ। शिव_कुशवाहा_बेगाना 25/05/2024 11:45 Pm ©Shiv Kushwaha
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