न बन सका अब उस जैसा, जो रहता था कभी खुद जैसा। चेहर | हिंदी Shayari

"न बन सका अब उस जैसा, जो रहता था कभी खुद जैसा। चेहरे पे मुखौटे हंसते हैं मगर, कौन हंसता है पहले जैसा।। ©susheel sk"

 न बन सका अब उस जैसा,
जो रहता था कभी खुद जैसा।
चेहरे पे मुखौटे हंसते हैं मगर,
कौन हंसता है पहले जैसा।।

©susheel sk

न बन सका अब उस जैसा, जो रहता था कभी खुद जैसा। चेहरे पे मुखौटे हंसते हैं मगर, कौन हंसता है पहले जैसा।। ©susheel sk

#fake_smile
#fake_smile heart

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