लहजे बड़े सुरीले हैं
दिल हैं कि पथरीले हैं
दिखने में भोले भाले
लोग बड़े जहरीले हैं
फितरत वही पुरानी है
चेहरों में तब्दीलें हैं
कांटों से शिकवा कैसा
जिस्म गुलों ने छीलें हैं
दामन सूख गया आंखों के
कोर अभी भी गीले हैं
बेरंग निगाहों के भीतर
ख्वाब सभी रंगीले हैं
डूब रहे हैं हम जिसमे
दो आंखों की झीलें हैं
उसकी एक मुस्कान के आगे
झूठी सभी दलीलें हैं
@अनूप जादौन
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©Anoop Jadon
#Dark