आज फिर कोशिशें की मैने कुछ भुलाने की वो तुम थे या

"आज फिर कोशिशें की मैने कुछ भुलाने की वो तुम थे या कि कोई याद थी जमाने की होश मैं रहता हूं मै मयखानों में भी ऐ साकी तुमहारी नज़रों ने एक वजह दी बहक जाने की वो मेरा हम राज ऐसी खामोश जगह रहता है ख्वाब टूटें भी तो आवाज़ आती है बिखर जाने की मैं आज कल को जरा थाम के बैठा हूं यहां कोशिशें कर रहा हूं मैं -फ़लक को ज़मी पे लाने की मैं यकीनन तमाम औरों से अलग हूं दानिश, मेरी आदत है तलातुम ओ तूफां से दिल लगाने की ,"

 आज फिर कोशिशें की  मैने कुछ भुलाने की
वो तुम थे या कि कोई याद थी  जमाने की 
होश मैं रहता हूं मै मयखानों  में  भी ऐ साकी
तुमहारी नज़रों ने  एक  वजह दी  बहक जाने की
वो मेरा हम राज  ऐसी  खामोश जगह रहता  है
ख्वाब टूटें भी तो  आवाज़ आती है बिखर जाने की 
मैं आज  कल को  जरा थाम  के  बैठा हूं  यहां 
कोशिशें कर रहा हूं  मैं -फ़लक को ज़मी पे लाने की 
मैं यकीनन  तमाम औरों से अलग हूं दानिश,
मेरी आदत है  तलातुम ओ तूफां  से दिल लगाने की ,

आज फिर कोशिशें की मैने कुछ भुलाने की वो तुम थे या कि कोई याद थी जमाने की होश मैं रहता हूं मै मयखानों में भी ऐ साकी तुमहारी नज़रों ने एक वजह दी बहक जाने की वो मेरा हम राज ऐसी खामोश जगह रहता है ख्वाब टूटें भी तो आवाज़ आती है बिखर जाने की मैं आज कल को जरा थाम के बैठा हूं यहां कोशिशें कर रहा हूं मैं -फ़लक को ज़मी पे लाने की मैं यकीनन तमाम औरों से अलग हूं दानिश, मेरी आदत है तलातुम ओ तूफां से दिल लगाने की ,

कोशिश...

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