Dhruv Bali aka Darvesh Danish

Dhruv Bali aka Darvesh Danish Lives in Ahmedabad, Gujarat, India

A Renowned Author , Shayar, Lyricist, Composer, Comparee, Ghazal writer, Singer , Trainer, Graphologist, Vastu Shastri , Consultant, Motivational speaker & Technocrat. Contact n Whatsapp --8754822401.

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कण कण में हो देशभक्ति और वीरोँ का गुणगान रहे सर्व धर्म सम भाव की थाती पर हमको अभिमान रहे ऐसा अपना राष्ट्र बने जो सबके लिये मिसाल रहे प्रगति,विकास, आत्मनिर्भरता बढती सालों साल रहे भारत माँ की कीर्ति बढे और सदियों तक सम्मान रहे पूरे विश्व में सदा सर्वदा अपने देश का मान रहे कर जायें कुछ ऐसा जिससे अपने देश की शान रहे

 कण कण में  हो देशभक्ति और वीरोँ  का गुणगान  रहे
सर्व धर्म सम  भाव की थाती  पर हमको अभिमान  रहे
ऐसा अपना राष्ट्र  बने जो सबके लिये मिसाल  रहे 
प्रगति,विकास, आत्मनिर्भरता बढती सालों  साल रहे
भारत  माँ  की कीर्ति  बढे  और सदियों तक सम्मान रहे
पूरे विश्व  में  सदा सर्वदा अपने देश का मान रहे 
कर जायें कुछ  ऐसा जिससे अपने देश की शान रहे

# देश हमारा

13 Love

शहरों में चौराहों पर तो यहां खासी गज़ब की भीड़ है लोगों के दिलों में देखो किस कदर की गहरी वीरानी है कहाँ हैं वो लोग जो मिल कर ह॔सते थे , गले लगते थे आज तो लगता है कि खुल कर मुस्कुराना भी बेइमानी है आओ कि फिर से मुहब्बत को दिलों तक लाने का इंतजाम करें यही तो ऐ मेरे अजीज यहाँ पहली जरूरत ए जिन्दगानी है चलो कुछएक क़ैद परिंदो को रिहाई देदें , उनकी परवाजों को आज़ाद करें जिनके पंखों के नीचे है ये दुनिया है और मंज़िल भी आसमानी है

#इबारत  शहरों में चौराहों पर  तो  यहां  खासी गज़ब की भीड़  है 
लोगों के   दिलों में  देखो  किस कदर की  गहरी वीरानी  है
कहाँ हैं  वो लोग जो   मिल कर ह॔सते थे ,  गले लगते थे 
आज तो लगता है कि खुल कर मुस्कुराना  भी बेइमानी है 
आओ कि फिर से मुहब्बत को दिलों  तक लाने का इंतजाम करें 
 यही तो  ऐ मेरे  अजीज  यहाँ  पहली जरूरत  ए जिन्दगानी है
चलो कुछएक  क़ैद परिंदो को  रिहाई देदें , उनकी परवाजों को आज़ाद करें 
जिनके  पंखों  के नीचे  है ये दुनिया  है और  मंज़िल भी आसमानी है

वो जो एहसास खुशबुओं से मिल गये जाकर उन्हीं को मिल करके हर सुबह मुस्कुराती है.. जमीं से दूर आसमानों की पनाहों में भी यकीन बन कर के कौंध जाती है ये कौन है जो जुगनुओं से मिल कर के सूरज से आंखें मिलाती है आवाज़ उठाती है जवां दिलों में छुप के रहा करती है वक्त आने पर साफ़ नज़र आती है नयी हो राह कि वो सम्त एक पुरानी हो सूखे पेडों मे भी हरियाली सी बिखर जाती है ये वही हिम्मत है जिसमें आदमियत की रूह हर रोज बेहतरी से निखर जाती है...

 वो जो एहसास खुशबुओं से मिल गये जाकर
उन्हीं को मिल करके हर सुबह मुस्कुराती है..
जमीं से दूर आसमानों की पनाहों में भी
यकीन बन कर के  कौंध जाती है  
ये कौन है जो जुगनुओं से मिल कर के
सूरज से आंखें मिलाती है आवाज़ उठाती है
जवां दिलों में छुप के  रहा करती है
वक्त आने पर  साफ़ नज़र आती है 
नयी हो राह कि वो सम्त एक  पुरानी हो 
सूखे पेडों मे भी हरियाली सी बिखर जाती है
ये वही हिम्मत है जिसमें आदमियत की  
रूह  हर  रोज बेहतरी से  निखर जाती है...

# हिम्मत

10 Love

बहुत अलहदा हैं ये अंदाज़ दानिश , समंदर की लहरों की तरह मचल के कभी ढूंढ लाते हैं यादें मेरी वो , कभी डूब जाते हैं उनमें ही ढल के कभी सीप मानिंद मोती बनाते ,कभी बन के आते हैं ख्वाबों से हलके कभी तितलियों की तरह बन के रंगीं , लुभातेे रहे मेरे जज्बों से मिल के यही तो कशिश है तेरे पैरहन मैं , के मैं जैसे खोया हूं दीवानेपन मे तुम्हीं मेरा कल थे ,तुम्ही मेरा कल हो ,तुम्ही मेरे एहसास हो आजकल के तुम्हारी निगाहो मे है जिंदगी भी , तुम्हारे लिये है हरेक बंदगी भी मेरे सारे अरमान तुम तक हैं जाते ,औ रह जाते हैं तुम सेे मिल कर पिघल के ये कैसे हुआ है ,ये कब से हुआ है, नहीं मुझ को मालूम पर यूं हुआ है कभी गीत बन के ,कभी मीत बन के , तुम्ही हो वो अल्फाज मेरी गज़ल के

 बहुत अलहदा हैं ये अंदाज़ दानिश , समंदर की  लहरों की तरह मचल के 
कभी ढूंढ लाते हैं यादें मेरी वो , कभी डूब जाते हैं उनमें ही ढल के
कभी सीप मानिंद  मोती बनाते  ,कभी बन के आते हैं ख्वाबों से हलके
कभी तितलियों की तरह  बन के  रंगीं , लुभातेे रहे मेरे जज्बों से मिल के
यही तो कशिश है तेरे पैरहन मैं , के मैं जैसे खोया हूं   दीवानेपन मे
तुम्हीं मेरा कल थे ,तुम्ही मेरा कल हो ,तुम्ही  मेरे एहसास हो आजकल के
तुम्हारी निगाहो मे है जिंदगी भी , तुम्हारे लिये है हरेक बंदगी भी 
मेरे सारे अरमान तुम तक  हैं जाते  ,औ रह जाते हैं तुम सेे मिल कर पिघल के
ये कैसे हुआ है ,ये कब से हुआ है, नहीं मुझ को मालूम   पर  यूं  हुआ है 
कभी गीत बन के ,कभी मीत  बन के  , तुम्ही  हो  वो अल्फाज  मेरी गज़ल के

मेरी गज़ल

19 Love

आप सब चाहने वालों का तहे दिल से शुक्रिया कि आपने मेरी किताब 'बज्मे - सुकून ' को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा समझ कर तरजीह दी .मेरी हमेशा से यही कोशिश रही है और रहेगी कि मैं आप तक उन बेहतरीन गजलों और नग्मों को पहुंचाता रहूं जो आप को सुकून के रास्तों पर वापस लाते रहें.....आमीन

 आप सब चाहने वालों का तहे दिल से शुक्रिया कि आपने मेरी  किताब  'बज्मे - सुकून '
को अपनी जिंदगी  का एक हिस्सा समझ कर तरजीह दी .मेरी हमेशा से यही कोशिश रही है और रहेगी कि मैं आप तक उन बेहतरीन गजलों और  नग्मों  को पहुंचाता रहूं जो आप को  सुकून के रास्तों पर वापस लाते रहें.....आमीन

बज्मेे सुकून

14 Love

आज फिर कोशिशें की मैने कुछ भुलाने की वो तुम थे या कि कोई याद थी जमाने की होश मैं रहता हूं मै मयखानों में भी ऐ साकी तुमहारी नज़रों ने एक वजह दी बहक जाने की वो मेरा हम राज ऐसी खामोश जगह रहता है ख्वाब टूटें भी तो आवाज़ आती है बिखर जाने की मैं आज कल को जरा थाम के बैठा हूं यहां कोशिशें कर रहा हूं मैं -फ़लक को ज़मी पे लाने की मैं यकीनन तमाम औरों से अलग हूं दानिश, मेरी आदत है तलातुम ओ तूफां से दिल लगाने की ,

 आज फिर कोशिशें की  मैने कुछ भुलाने की
वो तुम थे या कि कोई याद थी  जमाने की 
होश मैं रहता हूं मै मयखानों  में  भी ऐ साकी
तुमहारी नज़रों ने  एक  वजह दी  बहक जाने की
वो मेरा हम राज  ऐसी  खामोश जगह रहता  है
ख्वाब टूटें भी तो  आवाज़ आती है बिखर जाने की 
मैं आज  कल को  जरा थाम  के  बैठा हूं  यहां 
कोशिशें कर रहा हूं  मैं -फ़लक को ज़मी पे लाने की 
मैं यकीनन  तमाम औरों से अलग हूं दानिश,
मेरी आदत है  तलातुम ओ तूफां  से दिल लगाने की ,

कोशिश...

13 Love

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