بیٹی अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। आईने

"بیٹی अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। आईने के सामने, सजना संवरना भूल गई। डोली में बिठाकर, जिमेदारियों ने ऐसे जकड़ा, कि वो मायके के रास्ते मुड़ना भूल गई। अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। अपने ही घर महमान जैसी आती है। एक दो रोज रुकना,फिर चली जाती है। कुछ रिश्ते,उसके घर आजाने से रूठ जाते हैं, मगर अब वो ख़ुद रूठना भूल गई। अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। आईने के सामने, सजना संवरना भूल गई। •उल्पेश• ©Ulpesh Thakur"

 بیٹی अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई।
आईने के सामने, सजना संवरना भूल गई।
 डोली में  बिठाकर, जिमेदारियों ने ऐसे जकड़ा,
कि वो मायके के रास्ते मुड़ना भूल गई।

अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई।

अपने ही घर महमान जैसी आती है।
एक दो रोज रुकना,फिर चली जाती है।
 कुछ रिश्ते,उसके घर आजाने से रूठ जाते हैं,
मगर अब वो ख़ुद रूठना भूल गई।

अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई।
आईने के सामने, सजना संवरना भूल गई।
•उल्पेश•

©Ulpesh Thakur

بیٹی अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। आईने के सामने, सजना संवरना भूल गई। डोली में बिठाकर, जिमेदारियों ने ऐसे जकड़ा, कि वो मायके के रास्ते मुड़ना भूल गई। अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। अपने ही घर महमान जैसी आती है। एक दो रोज रुकना,फिर चली जाती है। कुछ रिश्ते,उसके घर आजाने से रूठ जाते हैं, मगर अब वो ख़ुद रूठना भूल गई। अपने पापा की परी थी जो,अब उड़ना भूल गई। आईने के सामने, सजना संवरना भूल गई। •उल्पेश• ©Ulpesh Thakur

पापा की परी
राधे कृष्णा
#मेरी कलम

#بیٹی

People who shared love close

More like this

Trending Topic