जीवन कितना सुखद हो जाता है न, जब लौट आने की उम्मीद | हिंदी शायरी

"जीवन कितना सुखद हो जाता है न, जब लौट आने की उम्मीद बची रहती है, जैसे, पतझड़ के बाद बसंत के लौट आने की उम्मीद, सुख चुकी नदियों में बरसात की उम्मीद, और, तुम्हारे जाने के बाद अब तुम्हारे लौट आने की उम्मीद 🥀 ©Khyali Joshi"

 जीवन कितना सुखद हो जाता है न,
जब लौट आने की उम्मीद बची रहती है,

जैसे, पतझड़ के बाद बसंत के लौट आने की उम्मीद,
सुख चुकी नदियों में बरसात की उम्मीद,

और, तुम्हारे जाने के बाद
अब तुम्हारे लौट आने की उम्मीद 🥀

©Khyali Joshi

जीवन कितना सुखद हो जाता है न, जब लौट आने की उम्मीद बची रहती है, जैसे, पतझड़ के बाद बसंत के लौट आने की उम्मीद, सुख चुकी नदियों में बरसात की उम्मीद, और, तुम्हारे जाने के बाद अब तुम्हारे लौट आने की उम्मीद 🥀 ©Khyali Joshi

#Hope

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