White दुःख सुख किसी में साथ न छोड़ूं,
चलूं संग सदा मैं कभी मुख न मोड़ूं।
पूजा का पात्र बनूं और मैं इठलाऊं,
जीत का हार बनूं और मैं बतलाऊं।
प्रेमी नातों में संदेश मैं दूं लगन का,
मैं एक गुल हूं अपने गुलशन का।।
~ प्रेम शंकर "नूरपुरिया"
मौलिक स्वरचित
©prem shanker noorpuriya
#indian_akshay_urja_day