White सभ्य समाज मे मनुष्य बिना रिश्तों के रह नहीं सकता
इसलिए रिश्ते बनाता है और रिश्ते ही उम्मीद देते हैं ।
लेकिन जब रिश्तों में वफा न हो,उम्मीदें पूरी न हों,तो
दर्द होता हैं लेकिन जब मनुष्य का ज्ञान बढ़ते जाता है।
तब उसे अपना फर्ज तो याद रहता हैं लेकिन उम्मीदें
मर जाती हैं यह निर्मल और पवित्र ह्दय की निशानी है
एक बार अगर ह्दय निर्मल और पवित्र हो गया तब
समझो वह व्यक्ति सारी दुनिया को उस उदार मन से
देखता है जहाँ उसे संसार के किसी भी प्राणी मे कोई
गुण दोष नहीं दिखाई देता है सब प्राणियों के अंदर उसे
प्रभु और प्रभु के अंदर ही सारी दुनिया समाहित दिखती है
उसे एसा अगर किसी को प्राप्त हो जाए तो समझे वह
व्यक्ति महानिर्वाण की महादशा को प्राप्त होने वाला है
चैतन्य महाप्रभु से यह अवस्था रामकृष्ण परमहंस को
प्राप्त हुई और रामकृष्ण परमहंस से यह दिव्य स्वरूप
स्वामी विवेकानंद को प्राप्त हुई थी औऱ देखिये इतिहास
उठाकर की तीनों दिव्य विभूतियों ने किस तरह अपनी
तरह से इस अखिल विश्व को एक नई दिशा दी है।
प्रणाम सादर वंदन नमन अभिनंदन तीनो महाविद्या
महाविद्यालय के संत ह्रदय संस्थापक गुरुजी को
©AwadheshPSRathore_7773
#KrishnaJanmashtami पर मेरे सभी nojotos viewers को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें और बधाईयाँ तथा देर से पोस्ट डालने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं 🙏
आप लोग भी और प्रभु भी मुझे क्षमा करेंगे।
"मैं देर कर्ता नहीं देर हो जाती है"......जय श्री कृष्णा जय श्री राधे जय श्री राधे बिहारी वृंदावन लाल की जयहो आज के आनंद की भी जय हो 🙏🇮🇳👊🇮🇳🙏 #राधा कृष्ण के भजन#भक्ति संगीत#भक्ति गीत #भक्ति भजन#हनुमान चालीसा