"चूड़ी, बिंदिया, सारी, मैं पहन लुँगी खुदसे ,
कर लुँगी सातों श्रृंगार, तुम पर पूरे हकसे,
बस तुम जरा सा एक,
मेरा काम कर देना
जब आओ मुझसे मिलने,
तो मेरी माँग भर देना ।
✍✍अंकित पाठक ✍✍
"
चूड़ी, बिंदिया, सारी, मैं पहन लुँगी खुदसे ,
कर लुँगी सातों श्रृंगार, तुम पर पूरे हकसे,
बस तुम जरा सा एक,
मेरा काम कर देना
जब आओ मुझसे मिलने,
तो मेरी माँग भर देना ।
✍✍अंकित पाठक ✍✍
Dedicated to all the girls and women who waiting to meet their love..