हमसे टूटे हैं वादे कई, पहले बहुत
ये ना टूटेगा, हमपर यकीं कीजिए
उनसे कहदो हमें जीतना ही नहीं
आइये और हमको हरा दीजिये
दर्द देती है तन्हाई, "अंकित" बहुत
थोड़ी तन्हाई का भी मजा लीजिये
यूँ तो होगी मुलाकात शायद कभी
तब तलक दूरियों में वफा कीजिये
एक अरसा हुआ तुमको देखे बिना
अपना मासूम चेहरा दिखा दीजिये
हमसे टूटे हैं वादे कई, पहले बहुत
ये ना टूटेगा, हमपर यकीं कीजिए
उनसे कहदो हमें जीतना ही नहीं
आइये और हमको हरा दीजिये
दर्द देती है तन्हाई, "अंकित" बहुत
थोड़ी तन्हाई का भी मजा लीजिये
1 Love
शब्दों की ज्योति से, मैं दिये जला रहा हूँ
अपनी मोहब्बत-ए-कलम संग दीवाली मना रहा हूँ
चूड़ी, बिंदिया, सारी, मैं पहन लुँगी खुदसे ,
कर लुँगी सातों श्रृंगार, तुम पर पूरे हकसे,
बस तुम जरा सा एक,
मेरा काम कर देना
जब आओ मुझसे मिलने,
तो मेरी माँग भर देना ।
✍✍अंकित पाठक ✍✍
हमारे चोट लग जाने पर
हमसे भी पहले जिसे आह होती है
वो माँ होती है।
हज़ारों मुश्किलों का सामना बहुत डट
के किया होगा तुमने
क्युकी हम सब के पीछे
माँ की ही दुआ होती है
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