हो नया कुछ नहीं, पर नया-सा लगे
सामने आए वो तो दुआ-सा लगे
दिल में झांझर की झनकार होने लगे
क्या करें हम कि जब प्यार होने लगे
होने लगे प्यार होने लगे......
इश्क़ आसां नहीं, ये है मुश्किल बहुत
और उस पे ये दिल भी है बुज़दिल बहुत
डरता है,करता इज़हार बिल्कुल नहीं
भूलने को भी तैयार बिल्कुल नहीं
चलती राहों में रुक जाए,खोने लगे
क्या करे हम कि जब प्यार होने लगे
होने लगे प्यार होने लगे..….
होठों पे नाम कोई सजे इस तरह
दूर प्यारी-सी धुन इक बजे जिस तरह
साथ जिसका मिटाता हो तनहाइयाँ
आग जिसकी लगाती हो अंगड़ाइयाँ
मन ख़यालों की माला पिरोने लगे
क्या करें हम कि जब प्यार होने
होने लगे प्यार होने लगे.....
★मूल गीत― वीनू महेंद्र
©Ghumnam Gautam
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