कभी झूठों की जय जयकार नहीं हो सकती बात मान ले बंधु | हिंदी कविता

"कभी झूठों की जय जयकार नहीं हो सकती बात मान ले बंधु कर्मों का फल यही मिलेगा ये बात हमारी मान ले बंधु।। ©कवि होरी लाल "विनीता""

 कभी झूठों की जय जयकार नहीं
हो सकती बात मान ले बंधु
कर्मों का फल यही मिलेगा
ये बात हमारी मान ले बंधु।।

©कवि होरी लाल "विनीता"

कभी झूठों की जय जयकार नहीं हो सकती बात मान ले बंधु कर्मों का फल यही मिलेगा ये बात हमारी मान ले बंधु।। ©कवि होरी लाल "विनीता"

बंधु

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