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कभी झूठों की जय जयकार नहीं हो सकती बात मान ले बंधु कर्मों का फल यही मिलेगा ये बात हमारी मान ले बंधु।। ©कवि होरी लाल "विनीता"
कवि होरी लाल "विनीता"
10 Love
उसको भी गम है इसको भी गम है उन लाखों लोगों से मेरा गम कम है।। उसके गिरते आंसू इसके सूखे आंसू सबके आंसू देख मेरा रुक गया आंसू।। ©कवि होरी लाल "विनीता"
स्वार्थी सदा दुखी रहता है लाख टके की बात आदरणीय इस बात में संशय रत्ती भर ना अच्छा इंसान अच्छा ही रहेगा वो चाहे जग से हो जाए अकेला उसके दिल में लगता मेला।। ©कवि होरी लाल "विनीता"
14 Love
होली पर गले मिलते दिवाली को गला कांटे कब कौन बने दुश्मन इसे जान नहीं सकते। हंसते हुए जो मिलते वही हंसी को छीन लेते लग गया जमाना दूसर दोस्ती करके घात करते।। जिसकी हम मदद करते वही मुझे कमजोर करते मैंने जो नैन से देखा उसे भूल नहीं सकते।। सब से सावधान रहिए रहना भी तुमको चाहिए जो चारों तरफ दिख रहा बस उसी पर यकीन करिए।। ©कवि होरी लाल "विनीता"
13 Love
मैं राजनीति का मारा हूं हां मैं यूपी का भैया हूं जो बंबइया में प्रवासी हूं पंजाब की गलियों में घूमूं दिल्ली में दर्द झेलता हूं मैं यूपी का भैया हूं मैं राजनीति का मारा हूं मैं राजनीति का मारा हूं।। अटक से लेकर कटक में हूं गुजरात के शहरों में मैं हूं कश्मीर की दुर्गम चोटी पर मैं झुग्गी डाल के रहता हूं मैं यूपी का भैया हूं मैं राजनीति का मारा हूं मैं राजनीति का मारा हूं।। गुजराती की धमकी सुनता हूं आखिर कर ही क्या सकता हूं दक्षिण भारत के शहरों में मैं हंसी का पात्र बन जाता हूं हिमाचल की हवा मैं सहकार दुख बहुत दबाए रहता हूं मैं यूपी का भैया हूं मैं राजनीति का मारा हूं मैं राजनीति का मारा हूं।। महामहिम उत्तर प्रदेश से अभी रिटायर जल्द हुए हैं इंदिरा गांधी, नेहरू यूपी से थे अभी देश के प्रधानमंत्री यूपी से फिर भी यूपी क्यों पीछे है मैं दुबई ओमान भटकता हूं खिलौना चीन में बनता हूं मैं यूपी का भैया हूं मैं राजनीति का मारा हूं मैं राजनीति का मारा हूं।। ©कवि होरी लाल "विनीता"
9 Love
शिव की कृपा सब पर डोले जगत का शिव कल्याण करें आदिशक्ति मां पार्वती संग शिव कैलाश निवास करें।। मृत्युलोक में जितने जीव हैं सब में शिव दया प्रेम भरे जीवन दैय्या गंगा मैय्या शिवजी उन पर उपकार करें।। सारी सृष्टि की रचना शंकर जी ब्रह्मा विष्णु संग मिलकर करें आदि अनंत शिव औघड़ दानी अपने भक्तों का कल्याण करें।। मैं मानव कुल में जन्मा हूं शिव मानवता मेरे दिल में भरे हम किसी को मुस्कान दे पाएं मुझमें शिव इतना सामर्थ भरे। ©कवि होरी लाल "विनीता"
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