मरने के बाद भी क्या नज़ारे होंगे,
कुछ लोग रो रहें होंगे,
कुछ खुशियां मना रहें होंगे,
कुछ की आंखें नम होगी,
कुछ लोग मुस्कुरा रहें होंगे,
कुछ लोग अपने रंग दिखा रहे होंगे,
कुछ अपना प्यार बरसा रहे होंगे,
आत्मा तो मेरी भी तड़पेगी उनसे मिलने को,
पर क्या करें वो भी मुझे धीरे धीरे भूला रहें होंगे,
मरना तो सबको है इस हकीकत को कैसे नज़र अंदाज़ करेंगे,
नादान है वो जो मृत्यु के नाम से डरेंगे।
❤️(Dil ke Alfaaz)❤️
©Shivam kumar poetry lover
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