तेरी चाल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ओ-नजर को रूला-रूला के देखा है,
तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम, मैंने कुछ पलों को
देखा है। तेरे खयाल से खुद को छुपा के देखा है, दिल-ओ-नजर को
रूला-रूला के देखा है, तू नहीं तो कुछ भी नहीं है तेरी कसम, मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है।
©kundan Choursiya
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