दो ऋतुएँ जो कि मेहरबान रहती थीं मुझपर ख़फ़ा जो आप हुए वो भी खिन्न हो ही गईं जो अंश माँगा था उसने वो हर दिया हमने हमारी राहें मगर फिर भी भिन्न हो ही गईं ©Ghumnam Gautam #ऋतुएँ #अंश #हर #भिन्न #ghumnamgautam Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto