पानी की कलकल हृदय आर्द्रता से भरा हुआ प्रकृति की क | हिंदी कविता Video

"पानी की कलकल हृदय आर्द्रता से भरा हुआ प्रकृति की कोमल छवि वातावरण पुष्प की गंध से भरा हुआ चित्त शांत,मन गंभीर मगर पंछियों के कलरव से सना हुआ कैसे हो मन विचलित जब प्रकृति की गोद में बैठा रहूं मन की खिन्नता को छोड़ मैं प्रकृति में ही रमा हुआ..... ©Richa Dhar "

पानी की कलकल हृदय आर्द्रता से भरा हुआ प्रकृति की कोमल छवि वातावरण पुष्प की गंध से भरा हुआ चित्त शांत,मन गंभीर मगर पंछियों के कलरव से सना हुआ कैसे हो मन विचलित जब प्रकृति की गोद में बैठा रहूं मन की खिन्नता को छोड़ मैं प्रकृति में ही रमा हुआ..... ©Richa Dhar

#MereKhayaal प्रकृति✍🏻✍🏻✍🏻

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