पति पत्नी के प्रेम की पूर्ण परिभाषा है गौरीशंकर।
पत्नी के सम्मान और भावनाओं को पहले रखते गौरीशंकर
रौद्ररूप में भी ना भूलें जो पत्नी के सम्मान को ऐसे है गौरीशंकर
अर्धनारीश्वर का रूप अपना दिया समाज को एक सन्देश
पति पत्नी दो जिस्म मगर एक रूह होते है।
एक शिव के रूप में संसार मे विद्यमान तो
दूजा शक्ति के रूप में शिव में विद्यमान होती है।
बिन शक्ति शिव अधूरे शक्ति बिन शिव है।
तेरा मेरा भाव से अलग हमारा घर संसार बनाकर चलते है।
चेहरे को देखकर मन के भाव समझ लेते है।
गुस्सा,गीले शिकवे, शिकायतों को छोड़कर
एक दूजे को परस्पर प्रेम भाव से समझते समझाते है।
इस रिश्ते में ना कोई बड़ा ना छोटा,ना अमीरी ना गरीबी,
ना तेरा घर ना मेरा घर होता है।
विवाह के पवित्र बंधन को निभाना,
संयम,समर्पण,सम्मान एक दूजे के प्रति सिखाता।
शिव और शक्ति का विवाह जिन्हें हम
गौरीशंकर,अर्धनारीश्वर भी कहते है।
रागिनीअजयपाठक 🙏
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
©Ragini Pathak
#mahashivratri