मुझे आज भी आँखों के इनकार पर ज्यादा यकीन है, जुब | हिंदी शायरी

""मुझे आज भी आँखों के इनकार पर ज्यादा यकीन है, जुबान के सच फरेबी बहुत होते है" ©Broken RAhul"

 "मुझे आज भी आँखों के 
इनकार पर ज्यादा यकीन है,
जुबान के सच फरेबी
बहुत होते है"

©Broken RAhul

"मुझे आज भी आँखों के इनकार पर ज्यादा यकीन है, जुबान के सच फरेबी बहुत होते है" ©Broken RAhul

SAGUN (Manisha) @Ayesha Aarya Singh @Sethi Ji @ajnabi @B Ravan

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