फ़िरदौसमंज़लत मिल गई यकीनन, तभी वीरान की ओर नहीं | हिंदी शायरी

"फ़िरदौसमंज़लत मिल गई यकीनन, तभी वीरान की ओर नहीं झांकता यार, मैं फिर से राबते की जद्दोजहद में हूं, तू फोन पे आवाज तक नहीं पहचानता यार । - Yashpal Parashar"

 फ़िरदौसमंज़लत मिल गई यकीनन, 
तभी वीरान की ओर नहीं झांकता यार,
मैं फिर से राबते की जद्दोजहद में हूं, 
तू फोन पे आवाज तक नहीं पहचानता यार ।

- Yashpal Parashar

फ़िरदौसमंज़लत मिल गई यकीनन, तभी वीरान की ओर नहीं झांकता यार, मैं फिर से राबते की जद्दोजहद में हूं, तू फोन पे आवाज तक नहीं पहचानता यार । - Yashpal Parashar

#hindi_poetry #love_poetry #battle_of_words_official

People who shared love close

More like this

Trending Topic