फ़िरदौसमंज़लत मिल गई यकीनन,
तभी वीरान की ओर नहीं झांकता यार,
मैं फिर से राबते की जद्दोजहद में हूं,
तू फोन पे आवाज तक नहीं पहचानता यार ।
- Yashpal Parashar
क्या पता कौन अपने भीतर, कितने राज़ छिपाए जा रहा है,
किसी को मुस्तकबिल की पड़ी है, किसी को अतीत खाए जा रहा है।
यहां बुरे वक्त से लडने का भी, सबका अलग अलग अंदाज़ है,
कोई पत्थर बन के बैठ गया है, तो कोई आंसू बहाए जा रहा है।
- यशपाल पाराशर
क्या पता कौन अपने भीतर, कितने राज़ छिपाए जा रहा है,
किसी को मुस्तकबिल की पड़ी है, किसी को अतीत खाए जा रहा है।
यहां बुरे वक्त से लडने का भी, सबका अलग अलग अंदाज़ है,
कोई पत्थर बन के बैठ गया है, तो कोई आंसू बहाए जा रहा है।
- यशपाल पाराशर
10 Love
दोस्ती का एक उसूल होता है हैं तेरी मेरी यारी के चर्चे,
मोहल्ले से लेकर मोहाली तक,
होली से लेकर दिवाली तक,
शायरी से लेकर कव्वाली तक
- यशपाल पाराशर
दोस्ती का एक उसूल होता है हैं तेरी मेरी यारी के चर्चे,
मोहल्ले से लेकर मोहाली तक,
होली से लेकर दिवाली तक,
शायरी से लेकर कव्वाली तक
- यशपाल पाराशर
7 Love
सुनो हमें एक मर्ज है, थोड़ी दवा कर दोगे क्या ?
शहर की बिजली कट गई है, थोड़ी हवा कर दोगे क्या ?
कि तुम्हारे यूं तन्हा छोड़ जाने से, हम आधे तो मर ही चुके हैं,
अब कोई नया दामन थाम कर के, पूरा ही तबाह कर दोगे क्या ?
- यशपाल पाराशर
सुनो हमें एक मर्ज है, थोड़ी दवा कर दोगे क्या ?
शहर की बिजली कट गई है, थोड़ी हवा कर दोगे क्या ?
कि तुम्हारे यूं तन्हा छोड़ जाने से, हम आधे तो मर ही चुके हैं,
अब कोई नया दामन थाम कर के, पूरा ही तबाह कर दोगे क्या ?
- यशपाल पाराशर
17 Love
जब भी गुजरता हूं तेरी गली से, एक पंछी कूका करता है,
साफ सुथरी सड़कों पे, कोई जाहिल थूका करता है,
सोचता हूं इनके हश्र में, कहीं तेरा तो कुछ हाथ नहीं,
एक गुलाब लिए फिरने वाला, अब सिगरेट फूंका करता है।
- Yashpal Parashar
जब भी गुजरता हूं तेरी गली से, एक पंछी कूका करता है,
साफ सुथरी सड़कों पे, कोई जाहिल थूका करता है,
सोचता हूं इनके हश्र में, कहीं तेरा तो कुछ हाथ नहीं,
एक गुलाब लिए फिरने वाला, अब सिगरेट फूंका करता है।
- Yashpal Parashar
9 Love
अपना नसीब अक्सर मैं,
कुछ इस तरह भी संवार लिया करता हूं,
जब भी किस्मत रूठी लगती है,
उसका माथा चूम लिया करता हूं।
- Yashpal Parashar
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