मेरी ग़ज़लों में असर भी था तो क्या। मेरे | हिंदी शायरी

"मेरी ग़ज़लों में असर भी था तो क्या। मेरे अंदर ये हुनर भी था तो क्या।। * वो कोई किरदार* का अच्छा न था।। शहर में वो मोतबर* भी था तो क्या।। * ©साधना कृष्ण"

 मेरी  ग़ज़लों  में  असर  भी  था  तो  क्या। 
मेरे   अंदर   ये   हुनर   भी  था  तो क्या।। 
*
वो   कोई   किरदार*  का अच्छा न  था।। 
शहर  में  वो   मोतबर*  भी था तो क्या।। 
*

©साधना कृष्ण

मेरी ग़ज़लों में असर भी था तो क्या। मेरे अंदर ये हुनर भी था तो क्या।। * वो कोई किरदार* का अच्छा न था।। शहर में वो मोतबर* भी था तो क्या।। * ©साधना कृष्ण

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