जा रहे हो
एक आवाज़ निकली थी
दिल से
लेकिन बोल नहीं पाया था
उम्मीद थी
खुद ही पलट देखेगी और
कहेगी कि
हा आउंगी कल फिर
ऐसा कुछ
हुआ नहीं था लेकिन
क्यों लगा कि
मेरी बात उसने सुन ली
लेकिन
दूसरे दिन आयी और ज़ब गयी
तो मुड़कर
बोली जा रही हुँ कल आउंगी
©ranjit Kumar rathour
दिल कि बात