White “बेमानी करके ईमानदारी मांगते हो,
करके कामचोरी, रोजगार मांगते हो।
क्रोध करके स्नेह मांगते हो,
करते हो हिंसा और शांति मांगते हो।
असत्य के व्यवहार में, सत्यता मांगते हो,
व्यभिचार में रमे, चरित्र मांगते हो,
असभ्य हो स्वयं और सभ्य बेटा मांगते हो।
पेड़ काटकर छाया मांगते हो।
प्रदूषण करके स्वच्छता मांगते हो,
मिटाकर नदियों को, पानी मांगते हो।
हवा दूषित करके साँसे मांगते हो,
भोजन दूषित करके आरोग्यता मांगते हो।
संस्कृति को मिटाकर, भारत मांगते हो,
तकनीक के आदी!
प्रकृति को मिटाकर जीवन मांगते हो।
खुदको अविष्कारक समझने वाले,
ईश्वर का प्रमाण मांगते हैं।”
- प्रेम
©Surendra Sharma
“बेमानी करके ईमानदारी मांगते हो,
करके कामचोरी, रोजगार मांगते हो।
क्रोध करके स्नेह मांगते हो,
करते हो हिंसा और शांति मांगते हो।
असत्य के व्यवहार में, सत्यता मांगते हो,
व्यभिचार में रमे, चरित्र मांगते हो,
असभ्य हो स्वयं और सभ्य बेटा मांगते हो।