Surendra Sharma

Surendra Sharma Lives in Guna, Madhya Pradesh, India

“औरों को आईना जान कर, अपने ख्याल उनसे कहता हूँ...” - प्रेम

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#Monday #लव  “नहीं सुनना नहीं मुझको, 
तेरी झूठी कहानी।
प्यार की बातें हैं इसमें, 
प्यार नहीं।
दिखावा है, सच्चाई नहीं।
प्यार नहीं तो मना कर, 
है भीतर तो बयां कर,
बेवजह क्यों उलझाए हुए है,
प्यार है पहेली बनाए हुए है।
खुद भी बेफिक्र हो, 
अपने खयालों से,
मुझको भी आजाद कर,
है भीतर तो बयां कर।”
- प्रेम

©Surendra Sharma

“नहीं सुनना नहीं मुझको, तेरी झूठी कहानी। प्यार की बातें हैं इसमें, प्यार नहीं। दिखावा है, सच्चाई नहीं। प्यार नहीं तो मना कर, है भीतर तो बयां कर, बेवजह क्यों उलझाए हुए है,

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#विचार  White “मतों में भेद होना।
दुःख का एकमात्र कारण है।”

©Surendra Sharma

“मतों में भेद होना। दुःख का एकमात्र कारण है।” - प्रेम

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#विचार #Hindi  White “बहुत समझाया लेकिन समझता नहीं है,
वहीं लगता है मन, जहाँ उसे लगना होता है।
दिमाग की नहीं सुनता, फिर जो हो सो हो।”
- प्रेम

©Surendra Sharma

“बहुत समझाया लेकिन समझता नहीं है, वहीं लगता है मन, जहाँ उसे लगना होता है। दिमाग की नहीं सुनता, फिर जो हो सो हो।” - प्रेम #Hindi

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#विचार #New  White “बेमानी करके ईमानदारी मांगते हो,
करके कामचोरी, रोजगार मांगते हो।
क्रोध करके स्नेह मांगते हो,
करते हो हिंसा और शांति मांगते हो।
असत्य के व्यवहार में, सत्यता मांगते हो,
व्यभिचार में रमे, चरित्र मांगते हो,
असभ्य हो स्वयं और सभ्य बेटा मांगते हो।

पेड़ काटकर छाया मांगते हो।
प्रदूषण करके स्वच्छता मांगते हो,
मिटाकर नदियों को, पानी मांगते हो।
हवा दूषित करके साँसे मांगते हो,
भोजन दूषित करके आरोग्यता मांगते हो।
संस्कृति को मिटाकर, भारत मांगते हो,
तकनीक के आदी!
प्रकृति को मिटाकर जीवन मांगते हो। 
खुदको अविष्कारक समझने वाले,
ईश्वर का प्रमाण मांगते हैं।”
- प्रेम

©Surendra Sharma

“बेमानी करके ईमानदारी मांगते हो, करके कामचोरी, रोजगार मांगते हो। क्रोध करके स्नेह मांगते हो, करते हो हिंसा और शांति मांगते हो। असत्य के व्यवहार में, सत्यता मांगते हो, व्यभिचार में रमे, चरित्र मांगते हो, असभ्य हो स्वयं और सभ्य बेटा मांगते हो।

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#विचार #feelings #Hindi  “चेहरे हजार ओढ़े हो,
खुदको को भी पता ना होगा 
कौन-सा असल है,
कौन-सा अपना है।”

©Surendra Sharma

“चेहरे हजार ओढ़े हो, खुदको को भी पता ना होगा कौन-सा असल है, कौन-सा अपना है।” - प्रेम #feelings #Hindi

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White “रात रोशन है, सितारा कोई चमका है, उजाला हुआ दिन-सा, अंधियारा घटा है। मिटे हैं रोग मन के, और मन में वो बसा है। पुकारा नाम जबसे उजियारा ही बसा है। रात ही क्या जीवन की अमावस मिटी है, काया ही नहीं मन भी उजला हुआ है।” - प्रेम ©Surendra Sharma

#भक्ति #feelings #Krishna #Hindi  White “रात रोशन है, 
सितारा कोई चमका है,
उजाला हुआ दिन-सा, अंधियारा घटा है।

मिटे हैं रोग मन के, और मन में वो बसा है।
पुकारा नाम जबसे उजियारा ही बसा है।

रात ही क्या जीवन की अमावस मिटी है,
काया ही नहीं मन भी उजला हुआ है।”
- प्रेम

©Surendra Sharma
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